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खाता संख्या बदले बिना बैंक बदल सकेंगे ग्राहक(A/C No. Portability)

मोबाइल नंबर के बाद सरकार अब ग्राहकों को बैंक खाता, एक बैंक से दूसरे बैंक में ले जाने की सुविधा देने की तैयारी कर रही है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मूंदड़ा ने सोमवार को एक कार्यक्रम में बैंकों से इसकी तैयारी करने को कहा। केंद्रीय बैंक का मानना है कि अकाउंट नंबर की पोर्टिबिलिटी (A/C No. Portability) से बैंकों के बीच ग्राहकों को बेहतर सेवा देने की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

मूंदड़ा ने कहा कि बैंक को नई पीढ़ी के ग्राहकों को विकल्प देने चाहिए। लेकिन अगर उपभोक्ता बैंक की सेवाओं से असंतुष्ट है तो उसे बिना खाता बदले एक बैंक से दूसरे बैंक में जाने की सुविधा मिलनी चाहिए। तकनीकी उन्नयन के कारण ऐसा करना मुश्किल नहीं है।

ग्राहकों की निजी जानकारी गोपनीय रहेगी

रिजर्व बैंक के पहले जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि बैंक बदलने के दौरान ग्राहकों की लेनदेन संबंधी या निजी जानकारी गोपनीय ही रहेगी। ग्राहक की डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड से लेनदेन का डाटा सुरक्षित रहेगा। इससे बैंक खातों का एक जगह डाटाबेस तैयार होने से आयकर विभाग और राजस्व से जुड़े अन्य विभागों को भी जांच में सहूलियत होगी।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के उप प्रबंधक निदेशक नीरज व्यास के मुताबिक, पोर्टिबिलिटी की सुविधा के लिए खातों के अंक एक समान होने जरूरी है। हालांकि, रिजर्व बैंक का मानना है कि आधार नंबर बैंक खातों से जुड़ जाने से अकाउंट पोर्टिबिलिटी की सुविधा देना कठिन नहीं है।

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