टीबी की दवा खरीदने के लिए भी आधार कार्ड जरूरी, जानिए क्या है इसका मकसद

यदि आपको प्राइवेट दवा दुकान से टीबी की दवा खरीदनी है, तो आधार नंबर या कोई अन्य पहचान-पत्र की छाया प्रति देनी होगी। पहचान-पत्र नहीं होने पर दवा दुकानदार को नाम एवं पते के साथ मोबाइल नंबर देने पर ही दवा मिलेगी। यह निर्देश स्वास्थ्य महकमे की ओर से दवा दुकानदारों को दिया गया।

बरटांड़ स्थित तुलस्यान मेडिकल स्टोर में मंगलवार को एक महिला ने जब दवा दुकानदार को पर्ची थमायी, तो दुकानदार ने आधार कार्ड मांगा। महिला के पास नहीं था। साथ ही कोई अन्य पहचान-पत्र भी नहीं था। इसके बाद दुकानदार ने रजिस्टर में मरीज का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद दवा दी। इस बारे में दवा दुकानदार से बात की, तो बताया गया कि ऐसा निर्देश मिला है। टीबी मरीजों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। दवा दुकानों में दर्ज मरीजों से विभाग संपर्क करेगी। संभवत डाटाबेस तैयार किया जाएगा कि जिले में टीबी के कितने मरीज हैं।

इस बाबत स्वास्थ्य महकमे से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, लेकिन समय से कोर्स की दवा नहीं लेने से टीबी खतरनाक हो सकता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ऐसे टीबी मरीजों की पहचान में जुटी है, जो अबतक विभाग की जानकारी में नहीं हैं। मरीजों की जानकारी होने से दवा कोर्स व समय से दवा देने पर मरीज को ठीक किया जा सकता है। कई मरीज ऐसे हैं, जो कुछ दिन दवा लेते हैं। रोग दब जाता है और मरीज यह मान लेता है कि अब सब ठीक हो गया। बाद में परेशानी बढ़ जाती है।

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